जीवन जीने की कला है योग / Yoga is the art of living

योग व्यवहारिक स्तर पर तन, मन और भावनाओं को संतुलित करने और उनमें तालमेल स्थापित करने का साधन है। यदि आप शारीरिक और मानसिक स्तर पर स्वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं तो आप सही मायने में एक बेहतर जीवन जी रहे हैं। वैसे भी अब कई वैज्ञानिक शोधों से यह प्रमाणित हो चुका है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग ही सबसे अच्छा विकल्प है।

दरअसल योग जीने की एक कला है। साथ ही यह एक संपूर्ण चिकित्सा पद्धति भी है। जब आप पूरे शरीर को साधना सीख जाते हैं तो आप ब्रह्मांड की उर्जा स्वयं में समाहित होती महसूस करते हैं। मूल रूप से योग के दो अर्थ माने गए हैं, पहला जुडना और दूसरा समाधि। समाधि प्राप्त करने के लिए पहले स्वयं से जुडना जरूरी है, जिसके लिए विभिन्न योगासन सहायक होते हैं, लेकिन यह सिर्फ साधारण व्यायाम भर नहीं होता, बल्कि विज्ञान आधारित शारीरिक क्रियाएं होती हैं। इसमें शरीर, मस्तिष्क और आत्मा एकाकार होते हैं और मानव व प्रकृति के बीच सामन्जस्य स्थापित होता है। जीवन जीने का यह ही सबसे उत्तम मार्ग है।

योग के कई प्रकार हैं, जैसे अष्टांग योग या राज योग, हठ योग, कर्म योग, ध्यान योग, मंत्र योग और कुंडलिनी योग। इन सभी का अपना अपना महत्व है। मोटे तौर पर देखा जाए तो योग तीन स्तर पर काम करता है। पहले चरण में यह व्यक्ति को स्वस्थ बना कर उसमें उर्जा भरने का काम करता है। दूसरे चरण में मस्तिष्क और विचारों को साध कर नकारात्मकता के चक्र से व्यक्ति को बाहर निकालता है यानी उसे तनाव या मानसिक विकारों से मुक्त करता है। तीसरे चरण में योग व्यक्ति को चिंता मुक्त कर अध्यात्म के उस स्तर पर पहुंचा देता है, जिसे हम समाधि या मुक्ति कह सकते हैं।

इतने गंभीर विषय को या यूं कहें साधना को कुछ लोग जाने अनजाने हल्के में ले लेते हैं और बिना सही मार्ग दर्शन के अपना हित करने के बजाय अहित कर बैठते हैं। सही ही कहा है कि बिन गुरु न तो ज्ञान मिलता है न भगवान। योग भी तभी फलीभूत होता है, जब कोई सही राह दिखाने वाला गुरु आपका मार्ग दर्शन करे। आचार्य कैलाश के नेतृत्व में एकात्म योग फाउंडेशन ने यह बीडा उठाया है कि आम जन तक योग का सही रूप पहुंचे और लोग सही योग प्रक्रियाओं को समझते हुए तन को स्वस्थ, मन सकारात्मक और चिंतामुक्त बनाते हुए, समाधि के स्तर पर पहुंचे।

आचार्य कैलाश का जीवन पूर्ण रूप से योग और प्राकृतिक चिकित्सा के लिए समर्पित है।  पिछले सात सालों से योग पर उनके अनवरत अध्ययन, प्रशिक्षण और अभ्यास ने उन्हें पूरी तरह परिमार्जित कर दिया है और यही वजह है कि योग जिज्ञासु उन्हें योग ज्ञान व अपनी कायिक समस्याओं के निवारक के रूप में प्रमुखता से स्वीकार करने लगे हैं। आचार्य कैलाश ने अपने इसी मिशन को आगे बढाने के लिए हाल ही में एकात्मयोग फाउंडेशन की स्थापना की है, ताकि वे योग और प्राकृतिक चिकित्सा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकें।

इस फाउंडेशन के माध्यम से आचार्य जी योग और प्राकृतिक चिकित्सा के अनेक कोर्स भी चला रहे हैं। जो लोग योग और प्राकृतिक चिकित्सा में निपुणता हासिल करना चाहते हैं वे इन कोर्सेज से लाभ उठा सकते हैं। इसी निमित एकात्मयोग फाउंडेशन की वेबसाइट भी बनाई गई है। जिसमें फाउंडेशन के क्रिया कलापों की समग्र जानकारी दी गई है। योग के प्रादुर्भाव, इतिहास और महत्व पर प्रकाश डालने वाले कई लेख व ब्लॉग यहां देखे जा सकते हैं। साथ ही सभी योग कोर्सेज की विस्तृत जानकारी भी दी गई है। वेबसाइट के अतिरिक्त एकात्मयोग फाउंडेशन की पेज फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी देखे जा सकते हैं।

निस्संदेह आचार्य कैलाश के नेतृत्व में एकात्मयोग फाउंडेशन एक नोबल कोज को अंजाम दे रहा है। स्वास्थ्य है तो बाकी सब जहां है, स्वास्थ्य नही ंतो हर खुशी सुख साधन अधूरे हैं। संपूर्ण जीवन जीने का आधार योग ही है। यह योग ही है जिसके सहारे हम शारीरिक मानसिक समस्याओं  और कोविड 19 जैसी महामारियों से भी सहज ही टक्कर ले पा रहे हैं।

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